Rakesh rakesh

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लेखनी कहानी -16-Jan-2023 जिंदगी की पहेली

जिंदगी की पहेली ना सुलझा सहेली, 

आने से जाने तक जी भर कर जी।
 अपने और गैरों के साथ, खुशी गम मीठे शरबत सा पी।
 अगर सुलझी यह जिंदगी की पहेली,
 पता चले तू रह गई अकेली।
 क्या ऊपर है यह राज,
 जन्म जन्म का हो तेरा मेरा साथ।
   उलझी रहेगी यह पहेली,
 तो जीने में मजा साथ है सहेली।
 जब सुलझे कि यह पहेली, छूटेगा साथ रह जाएगी अकेली।

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5 Comments

Renu

18-Jan-2023 10:21 AM

👍👍🌺

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Swati chourasia

16-Jan-2023 10:42 PM

Nice

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शानदार

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